पश्चिम बंगाल की राजनीति में लंबे समय से हाशिए पर रही कांग्रेस ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपने पाँव पर खड़े होने की कवायद शुरू कर दी है। बीते कई चुनावों में वाममोर्चा के साथ हाथ मिला कर लड़ने के बावजूद उसका प्रदर्शन लचर ही रहा है। बीते विधानसभा चुनाव में तो उसका खाता तक नहीं खुल सका था। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर वह अगले साल भी तालमेल का दरवाजा खुला रख कर संगठन को मज़बूत करने की कवायद में जुट गई है। हाल में दिल्ली में राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बंगाल में पार्टी की दशा-दिशा और भविष्य की रणनीति पर राज्य के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की थी।