बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल के बीच ताज़ा विवाद राज्य में कुलपतियों की नियुक्तियों को लेकर सामने आया है। इस नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार और राज्यपाल सीवी आनंद बोस आमने-सामने आ गए हैं। पिछले गुरुवार को ही राज्यपाल ने 11 विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्तियां की हैं।
तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार के मंत्री राजभवन के इस कदम को 'गैरकानूनी' बता रहे हैं। राज्य सरकार ने कुलपतियों की इस नियुक्ति को मंजूरी देने से इंकार कर दिया है।
राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि राज्यपाल राज्य सरकार के साथ चर्चा के जरिए कुलपति की नियुक्ति करेंगे। ब्रात्य बसु का सवाल है कि फिर राज्यपाल ने हमारे साथ इस मामले पर चर्चा क्यों नहीं की?
पश्चिम बंगाल में राज्यपाल सीवी आनंद बोस और ममता बनर्जी सरकार में अब तक अच्छे संबंध रहे हैं। आम तौर पर दोनों में टकराव नहीं देखने को मिले हैं। लेकिन जैसे-जैसे समय बीत रहा है राज्यपाल और सरकार के बीच संबंध तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या फिर से एक बार ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव बढ़ेगा।
पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ से बेहद बढ़ गया था टकराव
वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पूर्व में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं। ममता बनर्जी सरकार और उनके बीच टकराव काफी बढ़ गया था। दोनों के बीच जमकर बयानबाजी भी हो चुकी है। राज्य सरकार ने उनपर केंद्र सरकार के इशारों पर काम करने के आरोप लगाए थे। दोनों के बीच की तनातनी कई मौकों पर खुलकर सामने आई थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच टकराव यहां तक बढ़ चुके थे कि सीएम ने उन्हें ट्विटर पर ब्लॉक तक कर दिया था।
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