भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल ईकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक बेहद विवादास्पद बयान देकर यह संकेत दे दिया है कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आ गई तो राज्य की क़ानून व्यवस्था का क्या हाल होगा। उन्होंने कहा है कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आ गई तो 'तृणमूल कांग्रेस के लोगों को बीच चौराहे पर नंगा कर जूतों से पीटा जाएगा।'
घोष ने राजधानी कोलकाता के पास ही उत्तर 24 परगना ज़िले के घोला में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, '2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी का सफ़ाया हो जाएगा। इसके कार्यकर्ताओं को चौराहों पर नंगा किया जाएगा और जूतों से पीटा जाएगा।'
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भ्रष्टाचार का आरोप
उन्होंने सत्ताधारी टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'वे जनता का पैसा लूट रहे हैं और उसे अपने बच्चों की शिक्षा पर खर्च कर रहे हैं।' दिलीप घोष ने पुलिस वालों को भी धमकाया। उन्होंने कहा, 'कुछ पुलिस वाले सत्तारूढ़ दल के इशारे पर काम करते हैं। मैं सबकुछ अपनी डायरी में नोट करता जा रहा हूं। जो बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ हिंसक व्यवहार कर रहे हैं, 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों के बाद उनसे निपटा जाएगा।'उन्होंने राज्य में न्याय व्यवस्था चरमराने का आरोप लगाते हुए कहा, हर दिन सुबह हमें हत्या और हिंसा की ख़बरें मिलती हैं। क्या इसी के लिए लोगों ने राज्य में सरकार बदली थी?
तृणमूल का पलटवार
तृणमूल कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। श्रीरामपुर के सांसद कल्याण बंदोपाध्याय ने घोष को चुनौती देते हुए कहा कि उनमें हिम्मत है तो वे ऐसा कर दिखाएं। उन्होंने कहा, 'यदि उनमें हिम्मत है तो वे पहले मुझे जूतों से पीटें, मैं उन्हें चुनौती देता हूं।'पश्चिम बंगाल की राजनीति में हिंसा और बढ़ा चढ़ा कर डराने-धमका की बातें पहले भी होती रही हैं, पर बीते कुछ समय से यह बढ़ी हुई है। दिलीप घोष इस तरह की बातें पहले भी कर चुके हैं।
'कुत्ते की तरह मारा'
घोष ने कुछ नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने वालों को लेकर कहा था कि 'असम और उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार ने ऐसे लोगों को कुत्ते की तरह मारा है।' घोष ने कहा था कि 'उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक की सरकारों ने नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रदर्शन करने वालों पर फ़ायरिंग का आदेश देकर बिलकुल ठीक किया है।' इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है।इसी मुद्दे पर दिलीप घोष ने एक बार कहा था, 'नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में चल रहे प्रदर्शन में अभी तक कोई मरा क्यों नहीं।’ इस क़ानून के विरोध में पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि नोटबंदी के दौरान एटीएम से पैसा निकालने के लिए लगी लाइनों में खड़े 100 से ज़्यादा लोग मर गए थे।
कोई मरा क्यों नहीं?
घोष ने कहा, ‘मुझे इस बात पर आश्चर्य होता है कि 2 से 3 घंटे तक लाइनों में लगे लोग मर रहे थे लेकिन अब महिलाएं और बच्चे 4-5 डिग्री तापमान में बैठे हैं लेकिन कोई नहीं मर रहा है। उन्होंने ऐसा कौन सा अमृत पी लिया है। मैं हैरान हूं। उन्हें कितना पैसा मिल रहा है (प्रदर्शन के लिये)।’दिलीप घोष इसके अलावा गाय के मुद्दे पर भी विवादास्पद बयान दे चुके हैं। उन्होंने कुछ समय पहले एक कार्यक्रम में दावा किया था कि देसी गाय के दूध में सोना होता है और इसीलिये इसका रंग सोने जैसा होता है। देसी और विदेशी गाय की तुलना करते हुए घोष ने यह भी ‘ज्ञान’ दिया था कि कौन सी गाय को माँ कहना चाहिए और कौन सी गाय को आंटी। घोष ने कहा था कि केवल देसी गाय ही हमारी माँ है जबकि विदेशी गाय आंटी जैसी हैं। घोष इससे पहले पुलिस कर्मियों को धमकी देने को लेकर भी विवादों में रहे हैं।
वही दिलीप घोष अब तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को नंगा करने और जूते से पीटने की बात कर रहे हैं।
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