पश्चिम बंगाल देश के उन चुनिंदा राज्यों में शुमार है, जहां बंगाली अस्मिता, संस्कृति, परंपराओं और नायकों का पुरजोर समर्थन और सम्मान किया जाता रहा है। यहां सियासी दल भी शुरू से ही इस मुद्दे को भुनाते रहे हैं। बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड या हिंदू राष्ट्रवाद के मुकाबले के लिए मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष ममता बनर्जी ने इस बांग्ला राष्ट्रवाद को ही अपना हथियार बनाने का फ़ैसला किया है। लेकिन इसके साथ ही सवाल उठ रहा है कि उनका यह फ़ैसला कितना कारगर होगा।