पश्चिम बंगाल देश के उन चुनिंदा राज्यों में शुमार है, जहां बंगाली अस्मिता, संस्कृति, परंपराओं और नायकों का पुरजोर समर्थन और सम्मान किया जाता रहा है। यहां सियासी दल भी शुरू से ही इस मुद्दे को भुनाते रहे हैं। बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड या हिंदू राष्ट्रवाद के मुकाबले के लिए मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष ममता बनर्जी ने इस बांग्ला राष्ट्रवाद को ही अपना हथियार बनाने का फ़ैसला किया है। लेकिन इसके साथ ही सवाल उठ रहा है कि उनका यह फ़ैसला कितना कारगर होगा।
बीजेपी के हिंदू बनाम तृणमूल के बांग्ला राष्ट्रवाद में जंग
- पश्चिम बंगाल
- |
- |
- 23 Nov, 2020

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि बीजेपी जहां ममता पर अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए राज्य के करीब साढ़े पांच करोड़ हिंदू वोटरों को अपने पाले में खींचने का प्रयास कर रही है, वहीं ममता के पास इसकी काट के लिए बांग्ला राष्ट्रवाद ही प्रमुख हथियार है। यही वजह है कि ममता अक्सर बंगाली अस्मिता और पहचान का मुद्दा उठाती रही हैं।