पश्चिम बंगाल में करीब दस साल से सत्ता में बैठी टीएमसी (टीएमसी) को बीते दो साल के भीतर दूसरी बार बग़ावत का सामना करना पड़ रहा है। वह भी पूर्व मेदिनीपुर के जनाधार वाले नेता और परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी की ओर से। दो साल पहले ममता का दाहिना हाथ कहे जाने वाले मुकुल रॉय ने भी बग़ावत कर बीजेपी का दामन थाम लिया था।
चुनाव: ममता को भारी पड़ेगी शुभेंदु की बग़ावत?
- पश्चिम बंगाल
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- 27 Nov, 2020

पश्चिम बंगाल में करीब दस साल से सत्ता में बैठी टीएमसी (टीएमसी) को बीते दो साल के भीतर दूसरी बार बग़ावत का सामना करना पड़ रहा है।
शुभेंदु ने हालांकि अब तक किसी का नाम लेकर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन बीते कुछ महीनों से उन्होंने खुद को जिस तरह सरकार और पार्टी के कार्यक्रमों से काट लिया है वह उनकी नाराजगी की कहानी खुद कहता है।
बीते तीन महीनों से उन्होंने न तो कैबिनेट की किसी बैठक में हिस्सा लिया है और न ही अपने जिले में तृणमूल की ओर से आयोजित किसी कार्यक्रम में। इसके उलट वे दादार अनुगामी यानी दादा के समर्थक नामक एक संगठन के बैनर तले लगातार रैलियांं और सभाएं कर रहे हैं।