उत्तर बंगाल के नाम से मशहूर पश्चिम बंगाल का उत्तरी इलाका सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए साख औऱ नाक का सवाल बनता जा रहा है। इस इलाके में 56 सीटें हैं। तृणमूल यहाँ कमजोर रही है। बीते लोकसभा चुनावों में तो उसका खाता तक नहीं खुल सका था।
उत्तर बंगाल: तृणमूल की सबसे कमजोर कड़ी
- पश्चिम बंगाल
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- 29 Mar, 2025

उत्तर बंगाल में कुल 56 विधानसभा सीटें हैं। एबीपी न्यूज़- सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक़, उत्तर बंगाल में ममता बनर्जी को झटका लगता नज़र आ रहा है। यहाँ बीजेपी उसका खेल बिगाड़ सकती है। आँकड़ों की बात करें तो तृणमूल कांग्रेस को इलाक़े की 14 से 18 तक सीटें मिल सकती हैं। दूसरी ओर बीजेपी को 21-25 सीटें मिलने की संभावना है।
इसलिए सत्ता की दावेदार के तौर पर उभरी बीजेपी ने सत्तारूढ़ पार्टी की इस कमजोर नस पर वार करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लोकसभा चुनावों में पार्टी ने इलाक़े की आठ में से सात सीटों पर जीत हासिल की थी। इस इलाके में राजवंशी, आदिवासी और गोरखा वोटरों की ख़ासी तादाद है। इसलिए तमाम राजनीतिक दलों ने इनको लुभाने की क़वायद शुरू कर दी है।
चाय मजदूरों को रिझाने की होड़
चाय बागानों वाले इस इलाके में आदिवासी चाय मज़दूर दर्जन भर से ज्यादा सीटों पर किसी का भी खेल बना या बिगाड़ सकते हैं। इसलिए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस ने इन वोटरों को लुभाने की कोशिशें तेज कर दी हैं।