कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुधवार पश्चिम बंगाल के मालदा पहुंची। यहां पहुंचे राहुल गांधी ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि मैं पश्चिम बंगाल के हर नागरिक से कहना चाहता हूं कि आप लोग देश को रास्ता दिखाते हैं, आप बुद्धिजीवी लोग हैं।
रवींद्र नाथ टैगोर जी, सुभाष चंद्र बोस जी और अमर्त्य सेन जी जैसी शख्सियत बंगाल से आती हैं। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप 'नफरत की विचारधारा' के खिलाफ खड़े हों।
उन्होंने यहां भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनके लोग देश में 24 घंटा हिंसा फैलाने का काम करते हैं।
इसलिए 'भारत जोड़ो यात्रा' में हमने एक नारा दिया 'नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान' खोलनी है। क्योंकि हम जानते हैं देश नफरत और हिंसा से प्रगति नहीं कर सकता, देश मोहब्बत और भाईचारे से प्रगति कर सकता है।
पश्चिम बंगाल जाने से पहले राहुल गांधी ने बिहार के कटिहार में सेना भर्ती के लिए तैयारी कर रहे युवाओं से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को जाना। कांग्रेस पार्टी की ओर से इसको लेकर कहा गया है कि इन नौजवान साथियों से राहुल गांधी ने बात की और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया है।
राहुल गांधी ने कहा है कि ये हमारे देश के युवा हैं, जो सेना में भर्ती के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, देशसेवा का सपना देखते हैं। लेकिन मोदी सरकार ने 'अग्निपथ योजना' से युवाओं के सपनों को तोड़ दिया है। उनके भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है।
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खड़गे ने कहा, राष्ट्रपति संसद का अभिन्न हिस्सा होते हैं
बुधवार को संसद में हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट लिखकर राष्ट्रपति के अभिभाषण को सरकार का गुणगान बताया है।उन्होंने एक्स पर लिखा है कि, हमें ख़ुशी है कि आज महामहिम राष्ट्रपति जी पहली बार नए संसद में आकर दोनों सदनों को सम्बोधित कर रही थीं। देर से ही सही, उनको ये सम्मान प्राप्त हुआ। सबने देखा कि सरकार ने उन्हें नए संसद के उद्घाटन पर बुलाना उचित नहीं समझा, हालांकि राष्ट्रपति, संसद का अभिन्न हिस्सा होते हैं।
उन्होंने लिखा है कि, मोदी कैबिनेट द्वारा पारित महामहिम राष्ट्रपति जी का अभिभाषण केवल मोदी सरकार का गुणगान जैसा था। क्योंकि ये सरकार द्वारा बनाया गया दस्तावेज होता है, तो इसके माध्यम से भी मोदी जी अपना प्रोपेगेंडा और विज्ञापन कैसे छोड़ सकते हैं! हमें उनसे ये उम्मीद भी नहीं थी।
बेतहाशा बेरोज़गारी, बेलगाम महंगाई और बढ़ती असमानता की गहरी खाई पर महामहिम जी, मोदी सरकार की ओर से कुछ नहीं बोलीं। क्योंकि पिछले दस सालों से मोदी सरकार ने इन मसलों को हल करने की दिशा में कुछ भी नहीं किया है।
खड़गे ने कहा कि, एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों को समय पर छात्रवृति नहीं मिलती है। जो छात्रवृति योजना पहले से चल रहे है, उन्हें भी बंद किया जा रहा है। उनके लिए शिक्षा व्यवस्था के बारे में भी अभिभाषण में कुछ नहीं था।
पिछले 9 महीने से मणिपुर की हिंसा जारी है। आज भी मणिपुर में फिर 2 लोगों की मौत हुई है और 3 लोग घायल हुए है। राष्ट्रपति जी कम से कम मणिपुर में शांति बहाली की अपील कर सकती थीं। मणिपुर की हिंसा का अभिभाषण में कोई उल्लेख नहीं था।
उन्होंने लिखा है कि, सालाना 2 करोड़ नौकरियां, किसानों की आय दोगुना करने के वादे का क्या हुआ, ये भी नहीं बताया गया कि काला धन कब आएगा? इन कारणों से महामहिम राष्ट्रपति जी का पूरा सम्मान करते हुए, हम मोदी सरकार द्वारा लिखे गये इस आत्मगान अभिभाषण को अस्वीकार करते हैं।
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