पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव तो अगले साल होने हैं। लेकिन उससे पहले ही यहाँ मतदाता सूची के मुद्दे पर सत्ता के दोनों प्रमुख दावेदारों यानी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच घमासान शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जहाँ बीजेपी पर दूसरे राज्यों के लोगों को बंगाल की मतदाता सूची में शामिल करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी सरकार राज्य के गैर-बंगाली वोटरों के नाम सूची से हटाने की साजिश रच रही है।
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची को लेकर घमासान क्यों मचा?
- पश्चिम बंगाल
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- 5 Mar, 2025

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची को लेकर बड़ा विवाद हो गया है और राजनीतिक दलों के बीच टकराव तेज हो गया है। क्या चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी है या हेरफेर के आरोप सही हैं? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने चुनावी तैयारियों के सिलसिले में बीते बृहस्पतिवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में पार्टी के विभिन्न शाखा संगठनों के नेताओं और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की महाबैठक बुलाई थी। उसमें दूसरी बातों के अलावा उन्होंने मतदाता सूची के मुद्दे पर भी पार्टी के लोगों को आगाह किया। उनका कहना था कि बीजेपी दूसरे राज्यों के वोटरों के नाम यहाँ सूचीबद्ध कराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने घर-घर जाकर मतदाता सूची के नामों की पुष्टि के लिए एक समिति के गठन का भी एलान किया। उसके बाद शुक्रवार से ही कोलकाता में यह काम शुरू हो गया है।