लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले से ही पश्चिम बंगाल बीजेपी के फोकस वाले शीर्ष राज्यों में था। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने मोर्चा संभाला था। बीजेपी की ओर से सरकार के ख़िलाफ़ संदेशखाली, नागरिकता क़ानून और तमाम घोटाले जैसे मुद्दे उठाए गए। चुनाव के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल में 27 लोकसभा सीटों के लिए 22 जनसभाएं और एक रोड शो किए। लेकिन बीजेपी इन 27 सीटों में से 20 सीटों पर हार गई। यही नहीं वह 2019 की जीती हुई 5 सीटें भी नहीं बचा पाई। आख़िर ऐसा क्यों हुआ? इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है? क्या शुभेंदु अधिकारी इस हार के लिए निशाने पर हैं?
पीएम मोदी ने बंगाल में 22 रैलियां कीं, 20 सीटें हारीं, शुभेंदु अधिकारी निशाने पर
- पश्चिम बंगाल
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- 7 Jun, 2024
पश्चिम बंगाल में आख़िर बीजेपी को क्यों इतनी बड़ी हार क्यों मिली? वह भी तब जब प्रधानमंत्री मोदी ने खुद मोर्चा संभाला था? जानिए, वजह।

इन सवालों के जवाब से पहले यह जान लें कि चुनाव में क्या स्थिति रही है। पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से टीएमसी 29, बीजेपी 12 और कांग्रेस 1 सीट पर जीत दर्ज कर सकी है। बीजेपी का यह 2019 से भी ख़राब प्रदर्शन है। कूचबिहार, बांकुरा, मेदिनीपुर, बैरकपुर और झारग्राम सीटें भी हाथ से निकल गईं। जिन 12 सीटों पर पार्टी जीती है उनमें भी जीत का अंतर कुछ उल्लेखनीय नहीं है।