लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले से ही पश्चिम बंगाल बीजेपी के फोकस वाले शीर्ष राज्यों में था। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने मोर्चा संभाला था। बीजेपी की ओर से सरकार के ख़िलाफ़ संदेशखाली, नागरिकता क़ानून और तमाम घोटाले जैसे मुद्दे उठाए गए। चुनाव के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल में 27 लोकसभा सीटों के लिए 22 जनसभाएं और एक रोड शो किए। लेकिन बीजेपी इन 27 सीटों में से 20 सीटों पर हार गई। यही नहीं वह 2019 की जीती हुई 5 सीटें भी नहीं बचा पाई। आख़िर ऐसा क्यों हुआ? इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है? क्या शुभेंदु अधिकारी इस हार के लिए निशाने पर हैं?