पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के लिए ममता बनर्जी ने 291 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है जबकि 3 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई हैं। बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटें हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी। टीएमसी ने 50 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है और मुसलिम समुदाय के 42 लोगों को भी टिकट दिया गया है।
ममता बनर्जी ने कोलकाता में पार्टी कार्यालय में लिस्ट को जारी किया। इस मौक़े पर उन्होंने उनकी सरकार द्वारा किए गए जनकल्याणकारी कामों को भी गिनाया।
ममता ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के 79 और एसटी वर्ग के 17 नेताओं को टिकट दिया गया है। उन्होंने सभी उम्मीदवारों के नामों का ख़ुद ही एलान किया।
बंगाल की बेटी का कार्ड
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के जय श्री राम के मुक़ाबले जय मां दुर्गा का नारा बुलंद करने के बाद ममता बनर्जी ने तुरूप का एक और पत्ता फेंका है। उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का नया नारा है ‘बंगाल मांगे बंगाल की बेटी’। टीएमसी बीजेपी को एक बाहरी पार्टी और ख़ुद को बंगाली स्वाभिमान का प्रतीक साबित करने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी ने बंगाल में जय श्री राम का नारा इस उम्मीद में दिया था कि मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंदू मतदाता एकजुट हो जाएंगे। लेकिन ममता बनर्जी ने बड़ी चालाकी से राम के सामने दुर्गा को खड़ा कर दिया।
घिरी हुई हैं ममता
इस चुनाव में ममता तीन तरफ़ से घिरी हुई दिखाई दे रही हैं। एक तरफ़ उनके पुराने विरोधी वाम मोर्चा और कांग्रेस का गठजोड़ है तो दूसरी तरफ़ बीजेपी खड़ी हो गयी है। तीसरी तरफ़ असदउद्दीन ओवैसी और ताज़ा-ताज़ा बनी छोटी पार्टियों के नेता हैं जो उनके पारंपरिक आधार को तोड़ने की कोशिश करेंगे।
राजनीतिक तौर पर ममता के लिए यह चुनाव पिछले दो चुनावों की तरह आसान नहीं लग रहा है। 2011 का चुनाव वो सिंगुर और नंदीग्राम के किसान संघर्ष के बूते पर जीत गयी थीं।
2016 में सीपीएम और वामपंथियों के साथ-साथ कांग्रेस भी पस्त पड़ी थी। बीजेपी तब बहुत कमज़ोर थी। लेकिन अब बीजेपी एक बड़ी ताक़त बन चुकी है और वाम दल तथा कांग्रेस पहले से ज़्यादा संभले हुए दिखाई दे रहे हैं।
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