पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से दो-दो हाथ कर सियासी अखाड़े में उसे पस्त कर चुकीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। ममता ने कहा है कि जब मोदी निर्देश देते हैं तो चुनाव आयोग काम करता है। ममता ने यह बात राज्य में उपचुनाव कराए जाने के मद्देनज़र कही है।
ममता की अगुवाई वाली टीएमसी ने बंगाल चुनाव में बीजेपी को हरा दिया था लेकिन ममता ख़ुद नंदीग्राम सीट से चुनाव हार गई थीं। उन्हें उनके पुराने सियासी साथी शुभेंदु अधिकारी ने हराया था। लेकिन फिर भी टीएमसी के विधायक दल ने ममता को ही नेता चुना था और ममता ने 5 मई, 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
लेकिन किसी भी शख़्स को मुख्यमंत्री चुने जाने के दिन से छह महीने के अंदर विधानसभा का निर्वाचित सदस्य बनना ज़रूरी होता है और इसके लिए राज्य में उपचुनाव कराने की ज़रूरत पड़ेगी। इसे लेकर ही ममता ने यह बयान दिया है। ममता बनर्जी को 5 नवंबर, 2021 से पहले उपचुनाव लड़कर जीत हासिल करनी होगी।
ममता बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा, “मैं प्रधानमंत्री से गुजारिश करती हूं कि वह उपचुनाव कराने का निर्देश दें। अब कोरोना कम हो रहा है और 7 दिनों के अंदर उप चुनाव कराए जा सकते हैं। मैंने सुना है कि प्रधानमंत्री निर्देश देंगे तो चुनाव आयोग काम करेगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “उप चुनाव कराने में देरी क्यों हो रही है। बंगाल में जब चुनाव हो रहे थे तो कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 30 फ़ीसदी था और अब यह 3 फ़ीसदी और इससे नीचे आ गया है।”
चुनाव आयोग पर रही थीं हमलावर
बंगाल में चुनाव के पहले चरण से लेकर आठवें चरण तक ममता बनर्जी चुनाव आयोग पर खासी हमलावर रही थीं। उन्होंने चुनाव आयोग पर ताबड़तोड़ हमले किए थे और इतने चरणों में चुनाव कराने को लेकर आयोग की ख़ूब आलोचना की थी।
बीते दिनों में पूर्व मुख्य सचिव आलापन बंदोपाध्याय को केंद्र में ट्रांसफ़र किए जाने को लेकर भी ममता बनर्जी मोदी सरकार से दो-दो हाथ कर चुकी हैं।
उत्तराखंड में हालात जटिल
पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में इस मामले में हालात थोड़े जटिल हैं। इस साल मार्च के महीने में बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाकर तीरथ सिंह रावत को इस कुर्सी पर बैठाया था। तीरथ सिंह रावत अभी पौड़ी सीट से सांसद हैं और उन्होंने 10 मार्च, 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
कांग्रेस नेता नव प्रभात ने एएनआई से कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुच्छेद 151ए के मुताबिक़, ऐसे राज्य में जहां चुनाव होने में एक साल का वक़्त बचा हो, उपचुनाव नहीं कराए जा सकते। राज्य की विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2022 में ख़त्म होगा। इसका मतलब अभी 9 महीने का वक़्त बचा हुआ है।
लेकिन अनुच्छेद 151ए के हिसाब से देखें तो तीरथ सिंह रावत के लिए 9 सितंबर, 2021 के बाद मुख्यमंत्री के पद पर बने रहना संभव नहीं हो पाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसे में उत्तराखंड में एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन करना होगा।
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