loader

ममता बनर्जी ने बंगाल में लगा दिया 'द केरल स्टोरी' पर प्रतिबंध 

पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को 'द केरल स्टोरी' पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही विवादों में घिरी फिल्म को कई राज्यों में कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दक्षिणपंथी विचारधारा वाले कई लोग इस फ़िल्म की तारीफ़ कर रहे हैं तो कई इसको समुदायों के बीच 'नफ़रत फैलाने वाली बाहियात' फ़िल्म क़रार दे रहे हैं। अधिकतर फ़िल्म समीक्षकों ने भी इसको अव्वल दर्जे की बदतर फिल्म बताया है।

इसी बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई। बंगाल की मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि फिल्म को राज्य में चल रहे स्क्रीन से हटा दिया जाए।

ताज़ा ख़बरें

द केरला स्टोरी केरल में कथित धार्मिक शिक्षा के इर्द-गिर्द केंद्रित है। फिल्म में दावा किया गया है कि कैसे कट्टरपंथी इस्लामिक मौलवियों द्वारा हिंदू और ईसाई महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। फिल्म का दावा है कि इन महिलाओं को इस्लाम में धर्मांतरित किया गया और बाद में इस्लाम के लिए लड़ने के लिए अफगानिस्तान, यमन और सीरिया जैसे देशों में भेजा गया।

तो सवाल है कि आख़िर मुख्यमंत्री ने यह फ़ैसला क्यों लिया और उन्होंने इसके लिए क्या वजह बताई है।

फ़िल्म पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए ममता बनर्जी ने कहा है कि यह निर्णय 'बंगाल में शांति बनाए रखने' और घृणा अपराध और हिंसा की किसी भी घटना से बचने के लिए लिया गया है। हालाँकि, ममता बनर्जी के इस दावे की बीजेपी ने आलोचना की है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सत्तारूढ़ टीएमसी सरकार के क़दम की निंदा की और दावा किया कि ममता बनर्जी 'वास्तविकता से अपनी आँखें मूंद लेना' चाहती हैं।

बीजेपी नेता ने कहा, "सीएम ममता बनर्जी ने फिल्म 'द केरला स्टोरी' पर बैन लगा दिया है। आश्चर्य की कोई बात नहीं, यह उससे अपेक्षित था। यह सच्ची कहानियों पर आधारित है और दिखाता है कि कैसे इस्लामवादी हिंदू लड़कियों को लव जिहाद में फंसाते हैं और बाद में आईएसआईएस आतंकवादी बनने के लिए भेजते हैं। दीदी हकीकत से आंखें मूंद लेना चाहती हैं।"

बीजेपी नेता ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल के लोगों, विशेषकर, महिलाओं को इस कठोर वास्तविकता से वंचित करना चाहती हैं। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में लव जिहाद के मामले आम हैं। 

द केरला स्टोरी के पश्चिम बंगाल में प्रतिबंधित होने पर प्रतिक्रिया देते हुए फिल्म के निर्माता विपुल शाह ने कहा, 'अगर उन्होंने ऐसा किया है तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे। कानून के प्रावधानों के तहत जो भी संभव होगा, हम लड़ेंगे।'

इससे पहले तमिलनाडु के मल्टीप्लेक्सों ने कानून और व्यवस्था के मुद्दों और खराब सार्वजनिक प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए रविवार से विवादास्पद फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द कर दी थी।

केरल में भी विभिन्न युवा संगठनों ने फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ प्रदर्शन किया, जो 5 मई को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।

केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) और विपक्षी कांग्रेस के अनुसार, फिल्म में झूठा दावा किया गया है कि 32,000 महिलाओं का धर्मांतरण और कट्टरपंथीकरण किया गया और उन्हें भारत व दुनिया भर में आतंकवादी मिशनों में तैनात किया गया।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने फिल्म निर्माताओं को यह कहते हुए फटकार लगाई थी कि वे 'लव जिहाद' का मुद्दा उठाकर राज्य को धार्मिक उग्रवाद के केंद्र के रूप में पेश करने के संघ परिवार के प्रचार को आगे बढ़ा रहे हैं। पिनाराई विजयन ने यह भी कहा कि द केरल स्टोरी का ट्रेलर, पहली नज़र में, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने और राज्य के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से जानबूझकर बनाया गया लगता है।

जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में फिल्म को कर मुक्त कर दिया है और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि अगर कोई प्रस्ताव है तो यूपी में भी ऐसा किया जा सकता है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पश्चिम बंगाल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें