पश्चिम बंगाल के इस बार के विधानसभा चुनाव में जंगल महल इलाके की भूमिका बेहद अहम होगी। इस इलाके में माओवाद को ख़त्म करने का श्रेय ममता बनर्जी को मिला था और इसी की बदौलत तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में यहां काफी कामयाबी मिली थी। लेकिन बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी की कामयाबी और इलाके के मजबूत नेता शुभेंदु अधिकारी के भगवा खेमे में शामिल होने की वजह से समीकरण बदल गए हैं।