पश्चिम बंगाल के इस बार के विधानसभा चुनाव में जंगल महल इलाके की भूमिका बेहद अहम होगी। इस इलाके में माओवाद को ख़त्म करने का श्रेय ममता बनर्जी को मिला था और इसी की बदौलत तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में यहां काफी कामयाबी मिली थी। लेकिन बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी की कामयाबी और इलाके के मजबूत नेता शुभेंदु अधिकारी के भगवा खेमे में शामिल होने की वजह से समीकरण बदल गए हैं।
बंगाल चुनाव: जंगल महल में क्यों बीजेपी मजबूत है और ममता कमज़ोर?
- पश्चिम बंगाल
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- 1 Mar, 2021

पश्चिम बंगाल के चुनाव की ज़मीनी हकीकत जानने के लिए सत्य हिंदी विशेष कवरेज शुरू कर रहा है। सिलसिलेवार तरीक़े से बंगाल के अलग-अलग हिस्सों के चुनावी समीकरण की पड़ताल के तहत पहली कड़ी में जंगल महल के इलाके का हाल।
शुभेंदु के जाने से झटका
पश्चिम बंगाल में सत्ता का रास्ता जंगल महल से हो कर गुजरता है। जंगल महल में राज्य के बांकुड़ा, पुरुलिया, पश्चिम मेदिनीपुर और झाड़ग्राम जिले शामिल हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जंगल महल इलाके में शानदार प्रदर्शन किया था। अब मेदिनीपुर के बड़े नेता समझे जाने वाले शुभेंदु अधिकारी के बीजेपी में आने से टीएमसी को भारी झटका लगा है।