loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

हार

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

जीत

ममता पर आपत्तिजनक बयान के लिए बीजेपी नेता दिलीप घोष पर FIR

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए बीजेपी सांसद दिलीप घोष के ख़िलाफ़ पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एफआईआर दर्ज की गई है। एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर भी इसी मामले में कारण बताओ नोटिस दिया है। उन्हें 29 मार्च तक जवाब देने को कहा गया है।

इस आपत्तिजनक बयान के लिए चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रहे दिलीप घोषण ने माफी भी मांग ली है। लेकिन टिप्पणी के लिए माफी मांगने के कुछ घंटों बाद ही उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए एक वीडियो में दिलीप घोष को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो की पारिवारिक पृष्ठभूमि का मजाक उड़ाते देखा जा सकता है।

ताज़ा ख़बरें

वीडियो में दिलीप घोष को यह कहते सुना गया था, 'जब दीदी गोवा जाती हैं, तो वह गोवा की बेटी बन जाती हैं, त्रिपुरा में, वह कहती हैं कि मैं त्रिपुरा की बेटी हूं, तय करें कि आपका पिता कौन है।' यही बात चुनाव आयोग को दी गई शिकायत में भी कही गई है।

बाद में तृणमूल कांग्रेस ने उनकी टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग में भाजपा नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। चुनाव आयोग ने टिप्पणी को अपमानजनक और प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता और आयोग की पहले की सलाह का उल्लंघन माना। चुनाव आयोग ने लोकसभा सांसद को एमसीसी के प्रावधान की याद दिलाई, जिसमें कहा गया है कि अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना जब की जाए तो उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकॉर्ड और काम तक ही सीमित रखा जाए।

इस बयान पर विवाद होने के बाद बाद बीजेपी ने भी दिलीप घोष से स्पष्टीकरण मांगा। इसके बाद घोष ने खेद व्यक्त करते हुए स्वीकार किया कि उनकी पार्टी और आम जनता दोनों को उनके शब्दों के चयन पर आपत्ति थी। उन्होंने कहा, 'अगर ऐसा है तो मुझे इसके लिए खेद है।' उन्होंने कहा कि उनके मन में मुख्यमंत्री के प्रति कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है।
पश्चिम बंगाल से और ख़बरें

उन्होंने कहा, 'यह पहली बार नहीं है कि मुझे मेरे बयान पर विवाद का सामना करना पड़ा है, क्योंकि मैं उन लोगों के सामने बोलता हूं जो अन्याय करते हैं। मैंने माननीय बंगाल की मुख्यमंत्री के संबंध में जो बयान दिया है, उसके संबंध में मैं कहना चाहूंगा कि मेरे मन में उनके प्रति कोई व्यक्तिगत विवाद, द्वेष या दुर्भावना नहीं है।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पश्चिम बंगाल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें