मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए बीजेपी सांसद दिलीप घोष के ख़िलाफ़ पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एफआईआर दर्ज की गई है। एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर भी इसी मामले में कारण बताओ नोटिस दिया है। उन्हें 29 मार्च तक जवाब देने को कहा गया है।
इस आपत्तिजनक बयान के लिए चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रहे दिलीप घोषण ने माफी भी मांग ली है। लेकिन टिप्पणी के लिए माफी मांगने के कुछ घंटों बाद ही उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए एक वीडियो में दिलीप घोष को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो की पारिवारिक पृष्ठभूमि का मजाक उड़ाते देखा जा सकता है।
वीडियो में दिलीप घोष को यह कहते सुना गया था, 'जब दीदी गोवा जाती हैं, तो वह गोवा की बेटी बन जाती हैं, त्रिपुरा में, वह कहती हैं कि मैं त्रिपुरा की बेटी हूं, तय करें कि आपका पिता कौन है।' यही बात चुनाव आयोग को दी गई शिकायत में भी कही गई है।
बाद में तृणमूल कांग्रेस ने उनकी टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग में भाजपा नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। चुनाव आयोग ने टिप्पणी को अपमानजनक और प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता और आयोग की पहले की सलाह का उल्लंघन माना। चुनाव आयोग ने लोकसभा सांसद को एमसीसी के प्रावधान की याद दिलाई, जिसमें कहा गया है कि अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना जब की जाए तो उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकॉर्ड और काम तक ही सीमित रखा जाए।
उन्होंने कहा, 'यह पहली बार नहीं है कि मुझे मेरे बयान पर विवाद का सामना करना पड़ा है, क्योंकि मैं उन लोगों के सामने बोलता हूं जो अन्याय करते हैं। मैंने माननीय बंगाल की मुख्यमंत्री के संबंध में जो बयान दिया है, उसके संबंध में मैं कहना चाहूंगा कि मेरे मन में उनके प्रति कोई व्यक्तिगत विवाद, द्वेष या दुर्भावना नहीं है।'
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