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बंगाल : तूफान से 12 मरे, एक लाख करोड़ का नुक़सान, ममता ने कहा : सर्वनाश हो गया

बुधवार की शाम 185 किलोमीटर की रफ़्तार से आए चक्रवाती तूफान ने पश्चिम बंगाल में भयानक तबाही मचाई है। कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है, सैकड़ों घर और हजाऱों पेड़ गिर गए और बिजली व दूरसंचार व्यवस्था तहस नहस हो गई हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग एक लाख करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'सर्वनाश हो गया।'

नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फ़ोर्स और राज्य सरकार ने पहले ही लगभग 5 लाख लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था, इसलिए बड़े पैमाने पर मौतें नहीं हुई है, पर चारों ओर तबाही बिखरी हुई साफ़ दिख रही है। 

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि कोरोना वायरस से ज़्यादा नुक़सान इस तूफ़ान से हुआ है। उन्होंने दावा किया कि क़रीब एक लाख करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है।

हवाई अड्डा क्षतिग्रस्त

कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। रनवे, टारमैक और हैंगर में पानी भरा हुआ है। शाम तक के लिए पूरा हवाई अड्डा बंद कर दिया गया है। लॉकडाउन की वजह से हवाई अड्डे से वाणिज्यिक उड़ानें पहले भी नहीं हो रही थीं। पर कारगो और बचाव के लिए हवाई जहाज तैनात थे। 

यह चक्रवाती तूफान जब पश्चिम बंगाल के समुद्र तट पर बुधवार दोपहर बाद पहुँचा, समुद्र में 5 फीट से ऊँची लहरें उठीं।आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इसकी चपेट में आए इलाक़ों को ‘रोड प्लस ज़ोन’ की श्रेणी में रखा गया था।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रात भर अपने दफ्तर में थीं, जहाँ उन्होंने स्थिति पर नज़र रखने के लिए कंट्रोल रूम बनाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके पहले ही एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें हर संबंधित विभाग के आला अफ़सर मौजूद थे।

इस चक्रवाती तूफान का नाम ‘अंपन’ इसलिए पड़ा कि 2004 में थाईलैंड में इसी तरह के तूफान को यह नाम दिया गया था। इसका अर्थ होता है ‘आकाश’।

ओडिशा में इसी तरह का एक तूफ़ान 1999 में आया था, जिसमें 10 हज़ार लोग मारे गए थे।   

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क़मर वहीद नक़वी
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