एक बेहद नाटकीय और दिलचस्प घटनाक्रम में कोलकाता पुलिस के प्रमुख के घर पहुँची सीबीआई टीम के सदस्यों को स्थानीय पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें पकड़ कर पास के शेक्सपियर स्ट्रीट स्थित थाने ले गई। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। ममता बनर्जी सीबीआई की इस कार्रवाई के ख़िलाफ़ धरने पर बैठ गईं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस प्रकरण पर ममता बनर्जी का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रति एकजुटता दिखाई है।
इसके पहले कहा जा रहा था कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को पूछताछ के लिए केंद्रीय जाँच ब्यूरो बुलाया जाएगा। सीबीआई ने पहले कहा था कि शारदा चिट फंड घोटाले में कुमार ने जानबूझ कर जाँच की गति धीमी रखी थी और संदिग्धों की मदद की थी। एक दिन पहले सीबीआई ने कहा था कि राजीव कुमार फ़रार हो गए हैं, जबकि कोलकाता पुलिस ने सफ़ाई दी थी कि पुलिस कमिश्ननर पूरे दिन दफ़्तर में थे और काम कर रहे थे। सीबीआई की टीम इसी सिलसिले में कमिश्नर के कोलकाता स्थित लूडन स्ट्रीट आवास गई थी।
दिलचस्प मामला: सीबीआई प्रमुख को पद से क्यों हटाया गया?
कोलकाता पुलिस-सीबीआई में झड़प
कोलकाता पुलिस के लोगों और सीबीआई टीम के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोक और झड़प हुई, उसके बाद पुलिस ने सीबीआई टीम के कुछ लोगों को ज़बरन पकड़ लिया और पास के शेक्सपियर स्ट्रीट स्थित थाने ले गई। इसके बाद कोलकाता पुलिस पर तरह तरह के दवाब पड़ने लगे और उन लोगों को रिहा करने के लिए कहा गया। बाद में राज्य सरकार के कहने पर सीबीआई टीम के लोगों को पुलिस ने रिहा कर दिया। मुख्यमंत्री ने सीबीआई की कार्रवाई का ज़ोरदार विरोध किया है। उन्होंने सीबीआई की कार्रवाई को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साजिश क़रार देते हुए कहा है कि यह राज्य को अस्थिर करने की केंद्र सरकार की चाल है। उन्होंने कोलकाता पुलिस के प्रमुख का पूरा समर्थन देते हुए उन्हें ईमानदार और कर्मठ अफ़सर बताया है।
'संस्थानों को नष्ट कर रहे हैं मोदी'
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री और बीजेपी पर ज़बरदस्त हमला किया है। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी एक-एक कर तमाम संस्थानोें को नष्ट कर रहे हैं। सीबीआई बग़ैर सर्च वारंट के इस तरह कैसे पुलिस प्रमुख के घर पहुँच सकती है? मुझे कोलकाता पुलिस पर गौरव है। वह देश के बेहतरीन पुलिस में एक है।'
पश्चिम बंगाल सरकार ने बहुत पहले ही सीबीआई को राज्य में छापे मारने की अनुमति वापस ले ली थी। इसका मतलब यह हुआ कि राज्य सरकार की पूर्व अनुमति के बग़ैर सीबीआई पश्चिम बंगाल में न किसी को गिरफ़्तार कर सकती है, न ही कहीं छापे मार सकती है। मौजूदा मामले में सीबीआई के पास राजीव कुमार के घर जाने या उनसे ज़बरन पूछताछ करने की अनुमति नहीं थी।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सीबीआई की कार्रवाई को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए सवाल उठाया है कि सीबीआई बग़ैर राज्य सरकार की अनुमति के और बग़ैर पुलिस को बताए कैसे ऐसी कार्रवाई कर सकती है। उन्होंने कहा है कि वे संसद में यह मुद्दा उठाएँगे।
अदालत जाएगी सीबीआई
केंद्रीय जाँच ब्यूरो कोलकाता पुलिस के ख़िलाफ़ सोमवार को अदालत जाएगी। वह अदालत से कहेगी कि उसके लोगों को स्थानीय पुलिस ने अपनी ड्यूटी निभाने से रोक दिया है। वह भ्रष्टाचार एक एक मामले की जाँच कर रही है और राज्य सरकार और पुलिस इसमें मदद करने के बजाय अड़चनें डाल रही है। सीबीआई दफ़्तर पर सीआरपीएफ़ तैनात
केंद्र सरकार ने सीबीआई के कोलकाता स्थित दफ्तर के सामने केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल तैनात कर दिया है। दिल्ली के सीजीओ परिसर स्थित सीबीआई मुख्यालय पर भी सीआरपीएफ़ को तैनात कर दिया गया है।
अपनी राय बतायें