बंगाल में चुनाव की सरगर्मियाँ तेज़ हैं। बीजेपी और ममता बनर्जी के बीच कशमकश जोरों पर है। अप्रैल-मई में होने वाले चुनाव को लेकर बीजेपी और ममता बनर्जी ने पूरी तरह से कमर कस ली है। अमित शाह का लगातार बंगाल दौरा, रोड शो और उसके जवाब में ममता बनर्जी की बड़ी रैलियाँ यह साबित करती हैं कि मुक़ाबला काँटे का है।
बंगाल चुनाव: बीजेपी का टैगोर प्रेम क्या ढोंग है?
- पश्चिम बंगाल
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- 9 Jan, 2021

विधानसभा चुनाव में बंगाली संस्कृति बड़ा चुनावी मुद्दा होगा। लगता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से इसकी तैयारी कर रहे हैं। गुरुदेव की तरह बढ़ती हुई दाढ़ी और उनके गेटअप में प्रधानमंत्री की वायरल फ़ोटो से बीजेपी ने अपने बंगाली अस्मिता की राजनीति का आगाज कर दिया है। क्या बंगाली नवजागरण और गुरुदेव की विरासत पर बीजेपी का दावा चुनावी है?
फ़िलहाल इस राजनीति का केन्द्र बीरभूम ज़िले का चर्चित बोलपुर है। यह समूचे बंगाली समुदाय के लिए पुण्यभूमि है। बंगाली सांस्कृतिक जागरण के नायक रवीन्द्रनाथ टैगोर की कार्यस्थली है, बोलपुर। टैगोर ने 1901 में यहीं पर एक स्कूल खोला था। दरख्तों की छाया में स्थापित इस स्कूल को 1907 में शांति निकेतन नाम दिया गया। 1921 में यह विश्वविद्यालय बना और इसका नाम हुआ, विश्व भारती शांति निकेतन। सौ वर्ष पूरे होने पर 24 दिसंबर 2020 को विश्व भारती के शताब्दी समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया। अपने अभिभाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के राष्ट्रवाद और वैश्विक विजन को याद किया।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।