किसान आंदोलन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। ज्यादातर लोग आशंकित हैं। उन्हें डर है कि सुप्रीम कोर्ट कोई ऐसी टिप्पणी ना कर दे जिससे किसान आंदोलन को कोई धक्का पहुँचे। कोरोना महामारी या बर्ड फ्लू के भय के बहाने क्या सुप्रीम कोर्ट किसानों को सड़क खाली करने के लिए कह सकता है?
सुप्रीम कोर्ट का किसानों पर फ़ैसला ऐतिहासिक होगा?
- विचार
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- रविकान्त
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- 11 Jan, 2021


रविकान्त
किसान आंदोलन को शुरुआत से ही कलंकित करने की कोशिश की गई। आंदोलन में शरीक पंजाब के किसानों को खालिस्तानी बताया गया। फिर उनके खानपान की फोटो वायरल करते हुए कहा गया कि यहां लोग पिकनिक मनाने आए हैं। पिज्जा और हलवा खा रहे हैं। बीजेपी नेताओं द्वारा लगातार अभद्र और अशालीन टिप्पणियाँ की जा रही हैं।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के भय के कारण दिल्ली के शाहीन बाग सहित लखनऊ आदि स्थानों पर सीएए-एनआरसी के खिलाफ चल रहे आंदोलनों को खत्म कर दिया गया। शाहीन बाग आंदोलन के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आंदोलन के लिए सार्वजनिक स्थलों को बाधित नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति गठित करके आंदोलन खत्म करने के लिए बीच का कोई रास्ता निकालने का आग्रह किया था।
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रविकान्त
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।