पश्चिम बंगाल में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस की सियासी कुश्ती के बीच माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है। बीजेपी ने बशीरहाट में सोमवार को 12 घंटे का बंद बुलाया है और वह आज ब्लैक डे यानी काला दिन मना रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राज्य की क़ानून व्यवस्था को लेकर एडवाइजरी जारी की है। बंगाल में इससे पहले पंचायत चुनाव, लोकसभा चुनाव के दौरान भी लगातार हिंसा की ख़बरें आई थीं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने राज्य में हुई हिंसा पर गहरा अफसोस जताया है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल राजनीतिक हिंसा को लेकर जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात करेंगे।
केंद्र की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि राज्य में हिंसा जारी है और यह बेहद चिंता की बता है। लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र की एडवाइजरी के जवाब में गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है। इसमें सरकार ने दावा किया है कि राज्य में हालात नियंत्रण में हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि हिंसा के सभी मामलों में बिना किसी देरी के कड़ी और उचित कार्रवाई की गई है।
बीजेपी और तृणमूल दोनों एक-दूसरे पर उनके दलों के कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगाते रहे हैं। तृणमूल ने आरोप लगाया है कि उसके कार्यकर्ताओं की हत्या के पीछे बीजेपी का हाथ है, वहीं बीजेपी ने कहा है कि तृणमूल उसके कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है।
बता दें कि बशीरहाट के संदेशखाली में झंडे हटाने को लेकर तृणमूल-बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी और इसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें से 5 बीजेपी और 3 टीएमसी के कार्यकर्ता हैं। रविवार को भी माहौल तब बेहद तनावपूर्ण हो गया था जब बशीरहाट में बीजेपी कार्यकर्ताओं की शवयात्रा निकाली गई, लेकिन पुलिस ने ऐसा करने से उन्हें रोक दिया था।
लोकसभा चुनाव ख़त्म होने के बाद भी पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा नहीं रुक रही है। पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद बीजेपी ममता बनर्जी पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए लगातार प्रदर्शन कर रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी अमित शाह के रोड शो में ख़ासा बवाल हुआ था।
पश्चिम बंगाल से और ख़बरें
सियासी जानकारों के मुताबिक़, बीजेपी की नज़र 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही बीजेपी काफ़ी उत्साहित है। ग़ौरतलब है कि इस बार राज्य की कुल 42 सीटों में से 18 पर बीजेपी को जीत मिली है जबकि 2014 में वह सिर्फ़ 2 सीटों पर जीती थी। जबकि तृणमूल 2014 में 34 सीटों पर जीती थी और इस बार उसकी सीटें घटकर 22 हो गई हैं।
बीजेपी ने वोट शेयर में भी लंबी छलांग लगाते हुए 2014 में मिले 23.23% वोट के मुक़ाबले इस बार 40.25% वोट हासिल किए हैं। जबकि तृणमूल का वोट शेयर पिछली बार के मुक़ाबले (39.79%) थोड़ा सा बढ़ा है और उसे 43.28% वोट मिले हैं।
कुल मिलाकर 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में तृणमूल सत्ता में वापसी के लिए और बीजेपी उसे सत्ता से हटाने के लिए पूरा जोर लगा रही है और तय माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी और तृणमूल में काँटे की टक्कर होगी। लेकिन जिस तरह से बंगाल में लगातार राजनीतिक रंजिश में हत्याएँ हो रही हैं, उससे सबसे ज़्यादा नुक़सान लोकतंत्र का हो रहा है। दोनों दलों के बीच चल रहे खूनी संग्राम को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के लिए दोनों ही दल किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।
अपनी राय बतायें