नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हमले के मामले में राज्य के मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी है। लेकिन चुनाव आयोग इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है और उसने शनिवार शाम 5 बजे तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
मुख्य सचिव अलापान बंदोपाध्याय ने शुक्रवार शाम को चुनाव आयोग को भेजी गई इस रिपोर्ट में कहा है कि नंदीग्राम में ममता के पैर में चोट कार के दरवाज़े के कारण लगी है। ममता बनर्जी ने कहा था कि बुधवार शाम को नंदीग्राम में उन पर कुछ लोगों ने जानबूझकर हमला कर दिया था। उन्हें इलाज के लिए कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल लाया गया था, जहां से शुक्रवार शाम को उन्हें छुट्टी दे दी गई।
हालांकि मुख्य सचिव की रिपोर्ट में लिखा है कि 10 मार्च को जब यह घटना हुई उस वक़्त नंदीग्राम में लोगों की भारी भीड़ थी। मीडिया में आई कुछ ख़बरों में कहा गया है कि ममता बनर्जी को चोट लोहे के एक खंभे से लगी है।
इस बारे में रिपोर्ट कहती है कि लोहे का यह खंभा ममता बनर्जी की कार से बहुत दूर नहीं था लेकिन यह भी साफ नहीं कहा गया है कि क्या कार का दरवाज़ा पोल से टक्कर लगने के बाद ममता के पांव पर जाकर लगा और बंद हो गया। शायद, इसी वजह से चुनाव आयोग ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी ने आरोप लगाया था कि ममता पर यह हमला जानबूझकर किया गया। ममता ने घटना के बाद कहा था कि उनके बाएं पैर पर किसी ने गाड़ी चढ़ा दी और इससे उनके पैर में सूजन आ गई है। उन्होंने कहा था कि घटना के दौरान उनके आसपास स्थानीय पुलिस का कोई अफ़सर या कर्मचारी नहीं था, वहां बहुत भीड़ थी और चार-पांच लोगों ने इस घटना को साज़िशन अंजाम दिया है।
बीजेपी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले में शुक्रवार को चुनाव आयोग के अफ़सरों से मुलाक़ात की थी और ममता के साथ हुई इस घटना से जुड़ा एक वीडियो उन्हें सौंपा था। बीजेपी नेताओं ने मांग की थी कि इस वीडियो को सार्वजनिक किया जाए। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव ने कहा था कि नंदीग्राम और अन्य संवेदनशील सीटों पर विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने चाहिए।
इस घटना के बाद कई विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक साज़िश बताया था। शिव सेना, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी ने ममता बनर्जी के आरोप का समर्थन किया था जबकि कांग्रेस ने कहा था कि ममता नौटंकी कर रही हैं।
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