कोरोना संकट से निपटने के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार को निशाने पर लिया है और उस पर ज़ोरदार हमला किया है।
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'हमें राज्य सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार ट्रेन पश्चिम बंगाल नहीं पहुँचने दे रही है। यह पश्चिम बंगाल के प्रवासी मज़दूरों के साथ अन्याय है। इससे उनके लिए दिक्क़तें बढ़ेंगी।'
अमित शाह, गृह मंत्री
श्रमिक स्पेशल
भारतीय रेल ने देश के अलग-अलग जगहों पर फँसे हुए प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्य पहुँचाने के लिए 100 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं।पश्चिम बंगाल के लिए पहला श्रमिक स्पेशल पिछले सप्ताह चलाया गया। राजस्थान के अजमेर से चल कर आसनसोल होते हुए दुर्गापुर जाने वाले इस ट्रेन में 1,200 प्रवासी मजदूर थे।
चिट्ठी की राजनीति?
पिछले हफ़्ते गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को एक चिट्ठी लिख कर कहा था कि पश्चिम बंगाल में कोरोना जाँच की संख्या बहुत ही कम है। उसने यह भी कहा कि कोरोना से होने वाली मौत की दर 13.2 प्रतिशत है, जो बहुत ही ऊंची है।सबकी निगाहें चुनाव पर?
केंद्र सरकार यह नैरेटिव गढ़ने की कोशिश कर रही है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोरोना संक्रमण को रोकने में पूरी तरह नाकाम हैं और उनकी इस नाकामी का ख़ामियाजा राज्य की जनता भुगतेगी।
पश्चिम बंगाल में अब तक कोरोना संक्रमण के 1,678 मामले पाए गए, जिसमें 160 की मौत हो गई। पूरे देश में कोरोना संक्रमितों की तादाद 60 हज़ार के आसपास चली गई है और इसमें मरने वालों की संख्या बढ़ कर 1,981 हो गई है।
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