क्या कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी की तरह ही साम्प्रदायिक है? यह प्रश्न एक बार फिर मध्य प्रदेश की दो घटनाओं के बाद पूछा जा रहा है। इसके पहले कि हम इस सवाल पर आगे बात करें, इस घटना को याद कर लेना ज़रूरी है। घटना में सिर्फ़ पुलिस की कार्रवाई को ही नहीं, सरकारी और पार्टी की प्रतिक्रिया को भी शामिल किया जाना चाहिए।
कांग्रेस की हिचकिचाती धर्मनिरपेक्षता
- वक़्त-बेवक़्त
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- 11 Feb, 2019

कांग्रेस के भीतर भी कई पीढ़ियाँ आ गईं जिन्होंने बहुसंख्यकवाद के रणनीतिक इस्तेमाल की भाषा ही सुनी और उसे उचित माना। समय गुजरने के साथ चुनावी दबाव में यह धर्मनिरपेक्षतावादी संकल्प छीजता चला गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हिंदुत्व का उत्तर देने के लिए असली, उदार हिंदूपन की खोज के सुंदर आवरण के पीछे कांग्रेस ‘हिंदू’ भावनाओं के तुष्टीकरण में जुट गई।
मध्य प्रदेश में आगर मालवा जिले में दो लोगों को अवैध तरीक़े से गाय ले जाने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के अंतर्गत जेल भेज दिया गया है। इन दो में एक हिंदू भी हैं। इस घटना के पहले खंडवा में तीन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई की गई थी। यह सब कुछ नई कांग्रेस सरकार के आने के बाद हुआ है। कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता ने बड़ी सावधानी से कहा कि क़ानून व्यवस्था राज्य का मामला है। मुख्यमंत्री कमलनाथ एक अनुभवी प्रशासक हैं जिन पर पार्टी को भरोसा है। अगर किसी पुलिस अधिकारी ने ज़्यादती की है तो उचित कार्रवाई होगी। लेकिन पार्टी इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।