मध्य प्रदेश के रतलाम ज़िले के जावरा शहर में 4 मुसलमानों को गिरफ़्तार कर लिया गया। उनपर इल्ज़ाम है कि उन्होंने एक मंदिर में गाय का सर फेंका था। प्रशासन ने उनके घरों को बुलडोज़र से ढाह उसपर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत मामला दर्ज किया। मध्य प्रदेश में ही मांडला के बैंनवाही में 11 मुसलमानों को गिरफ़्तार कर लिया गया और उनके घरों को बुलडोज़र से ध्वस्त कर दिया गया। आरोप लगाया कि वे गोकुशी कर रहे थे। उसके पहले छत्तीसगढ़ में दो मुसलमानों को पीट पीट कर मार डाला गया। उनपर गाय की तस्करी का इल्ज़ाम था। गुजरात में भीड़ ने बक़रीद की क़ुर्बानी के लिए बकरे ले जा रहे मुसलमानों पर हमला किया। इसी बीच खबर आई कि वडोदरा में एक हाउसिंग कॉलोनी के हिंदू निवासियों ने एक मुसलमान महिला को, जो सरकारी कर्मचारी हैं, मकान दिए जाने का विरोध फिर से शुरू किया।
पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो भी सरकार का रुख क्यों नहीं बदला?
- वक़्त-बेवक़्त
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- अपूर्वानंद
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- 17 Jun, 2024


अपूर्वानंद
कुछ भलेमानस बहुत पहले से कह रहे थे कि वे तो बस इतना चाहते हैं कि न फासिस्ट को पूर्ण बहुमत मिले और न फ़ासिस्ट के विरोधियों को पूर्ण बहुमत मिले। ऐसी कामना करते वक्त उन्होंने यह न समझा कि पिछले 10 सालों में राजकीय तंत्र का और हिंदू जनता के एक हिस्से का भी फ़ासिस्टीकरण हुआ है।
जिस दिन चुनाव के नतीजे आ रहे थे उसी दिन ‘नीट’ के परिणाम घोषित कर दिए गए। तुरत ही छात्रों ने आरोप लगाया कि परिणामों में भारी गड़बड़ी है और बड़े पैमाने पर इम्तहान में धाँधली हुई है। परीक्षा लेनेवाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने पहले तो साफ़ इनकार किया, लेकिन बाद में जब मामला अदालत में गया और अदालत ने भी कहा कि परीक्षा की पवित्रता भंग हुई है तब एजेंसी ने घोषणा की कि जिन छात्रों को कृपांक दिए गए थे, उनसे वे वापस ले लिए जाएँगे। इसके बाद भी वह अड़ी हुई है कि उसकी तरफ़ से कोई गड़बड़ी नहीं की गई। वह इसका जवाब नहीं दे पाई है कि परीक्षा का परिणाम उसने चुनाव परिणामवाले दिन ही क्यों जारी किया जबकि पहले से तय था कि 14 जून को इसकी घोषणा की जाएगी।
अपूर्वानंद
अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी पढ़ाते हैं।