बीते शनिवार को मेरठ के रौली चौहान नामक गाँव के पास बिजली के तार से डी जे ट्रक के सट जाने से 5 काँवड़ियों की मौत हो गई। उनमें एक 8 साल का बच्चा भी था। और 2 हस्पताल में हैं। इसके पहले दिल्ली से बाहर सड़क दुर्घटना में 5 काँवड़ियों की मौत हो गई थी। इस तरह की खबर पिछले सालों में भी मिलती रही है। ख़ासकर डी जे ट्रक के कारण होनेवाली दुर्घटनाओं की। शहरों में तो इन ट्रकों की रफ़्तार कम रहती है या वे ख़ुद जानबूझ कर बहुत धीरे चलते हैं ताकि भक्ति का प्रसाद शहर के उन लोगों को भी मिल सके जो इस काँवड़ यात्रा में शामिल नहीं हैं। लेकिन राजमार्गों पर दूसरी गाड़ियों से टक्कर की आशंका बनी रहती है। जो लोग काँवड़ियों से क्षुब्ध रहते हैं, उन्हें यह अहसास होना चाहिए कि यह यात्रा ख़तरे से ख़ाली नहीं और हर साल कुछ शिवभक्त रास्ते में ही शहीद हो जाते हैं।