लोकसभा के चुनाव होने को है और इस के साथ ही मोदी को प्रधानमंत्री बने दस साल हो जायेंगे । ऐसे में ये वक़्त है उनके सही आकलन का । ये वक्त है देश के लोगों को यह बताया जाए कि तथाकथित सबसे सफल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आजतक अपने किसी प्रमुख दावे या वादे को पूरा नहीं कर सके हैं और न ही वो तब, कभी भी समय पर बोले जब, देश के सबसे वंचित और पीड़ित लोगों को प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की आवश्यकता थी। वो हर गुहार पर चुप थे, हर शोषण को उन्होंने नजरंदाज कर दिया। वो अगर बोले तो सिर्फ अपने लिए, अपनी पार्टी और संगठन के लिए।
अक्षमता की कहानी लिखी जा चुकी है, अब तीसरी बार क्यों?
- विमर्श
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- 29 Mar, 2025

गुजरात मॉडल और पीएम मोदी की सफलता की कहानियां ध्वस्त हो चुकी हैं। अब जनता को तय करना है कि वो तीसरी बार उन्हें मौका देगी या नहीं। किसी एक ही व्यक्ति को पीएम पद के लिए फिर से (तीसरी बार) चुनना भारत के नागरिकों की बाध्यता तो नहीं है? आखिर किसे पीएम चुनना चाहिए? पढ़िए वंदिता मिश्रा का विचारोत्तेजक लेखः