भारतीय संविधान के अनुच्छेद-87 के अनुसार, आम चुनावों के बाद नई संसद गठित होने पर और प्रत्येक वर्ष के पहले सत्र की शुरुआत में (जब भी पहली बार निचले सदन अर्थात लोकसभा की बैठक होगी) राष्ट्रपति संसद के दोनो सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे। 27 जून 2024 को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के इसी प्रावधान के तहत भारत की संसद को संबोधित किया। भले ही यह सम्बोधन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता हो लेकिन इसमें उनकी भूमिका मात्र एक वक्ता की ही होती है। असल में राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार की नीतियों का विवरण होता है, इसलिये अभिभाषण का प्रारूप सरकार द्वारा तैयार किया जाता है। इसीलिए जब भी कभी राष्ट्रपति का सम्बोधन सुनें तो उसे संबंधित केंद्र सरकार की मंत्रिपरिषद से जोड़कर देखना चाहिए। और चूंकि प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का मुखिया होता है इसलिए अच्छा होगा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण को प्रधानमंत्री के विचार, दृष्टिकोण और उनकी योग्यता से भी जोड़कर देखा जाना चाहिए।