संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 18 से 22 सितंबर के बीच ‘विशेष संसद सत्र’ की घोषणा की है। देश भर के लोग और विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता अपने-अपने तरीके से अंदाज लगा रहे हैं कि आखिर क्यों अचानक विशेष संसदीय सत्र बुलाने की जरूरत पड़ गई। किसी को लगता है कि जल्द चुनावों की घोषणा की जा सकती है तो किसी को लगता है कि मामला ‘एक देश, एक चुनाव’ से जुड़ा हुआ है तो कुछ लोग मान रहे हैं कि विशेष सत्र का आयोजन ‘नई संसद’ के उद्घाटन से संबंधित है। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि चूंकि पीएम मोदी चंद्रयान-3 की सफलता के दिन देश से बाहर थे और ‘सही समय’ पर इसरो को बधाई देने नहीं पहुँच सके थे तो शायद इसलिए चंद्रयान-3 की सफलता को संसद के विशेष सत्र के माध्यम से मनाया जाएगा और संभवतया यह सारा कार्य नई संसद से ही क्रियान्वित किया जाए।