8 दिसंबर 2024 को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पुस्तकालय में विश्व हिंदू परिषद के ‘क़ानून प्रकोष्ठ’ द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में बोलने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के ही जज जस्टिस शेखर यादव को बोलने के लिए बुलाया गया था। जस्टिस यादव को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर बोलना था लेकिन उनका वक्तव्य हिंदू बनाम मुस्लिम मुद्दे में तब्दील हो गया। जस्टिस शेखर यादव हिंदुओं द्वारा किए गए सुधारों पर बड़े गर्व पूर्वक बोलने लगे और मुसलमानों को इस्लामिक रूढ़ियों के लिए कोसने लगे।