दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी जीत चुकी है। मुद्दा यह नहीं कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने कैसा शासन चलाया, उनके शासन में भ्रष्टाचार हुआ या नहीं या यह कि कांग्रेस को दिल्ली से प्रतिस्थापित करने के बाद केजरीवाल दिल्ली के लिए क्या ‘अलग’ कर सके। मुद्दा सिर्फ़ यह है कि अब दिल्ली में बीजेपी का शासन होगा। बीजेपी के शासन का मतलब है कि ‘क़ानून के शासन’ को तिलांजलि दे दी जाएगी। क़ानून की बात तो होगी लेकिन क़ानून का शासन नहीं होगा। संविधान की शपथ तो ली जाएगी लेकिन संविधान को उस ‘स्पिरिट’ के साथ नहीं माना जाएगा जैसा संविधान निर्माताओं ने सोचा था। मेरा स्पष्ट मानना है कि बीजेपी का शासन भारत के भविष्य के लिए, भारत के सुकून के लिए और भारत में आम लोगों के विकास के लिहाज़ से पूरी तरह प्रतिगामी शासन है।