दक्षिण कोरियाई फिल्म निर्देशक बांग जून-हो, की 2017 में आई फिल्म ‘ओक्जा’ एक जेनेटिकली मॉडीफाइड सुअर ओक्जा और उसकी दोस्त युवा लड़की मिजा की कहानी है। दोनो में आपस में गहरा प्रेम है। फिल्म की शुरुआत में ही जब मिजा एक पहाड़ी से नीचे गिरने लग जाती है तब ओक्जा, मिजा को बचाने के लिए खुद कई फिट नीचे गिरने और मर जाने का जोखिम बड़े आराम से उठा लेती है। यह अनोखा रिश्ता है, उसके लिए प्रेरणा दोनो के बीच के ‘प्रेम’ में है। मिजा, ओक्जा को एक कॉर्पोरेट दैत्य से बचाने के लिए पूरे शहर से लड़ने को तैयार हो जाती है, जिस तरह ओक्जा, मिजा को बचाने के लिए लाभ-हानि नहीं देखती वैसे ही मिजा को भी अपनी उम्र और क्षमताओं से ज्यादा भरोसा अपने प्रेम पर है।
मोदी का मुजराः कैसे 'आत्मप्रशंसा' और 'परनिंदा' तक सीमित हो गए पीएम
- विमर्श
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- 26 May, 2024

प्रधानमंत्री मोदी की फिसलती जुबान खुद एक मुजरे का पर्याय बनकर रह गई है, जिसका प्रदर्शन वो बार-बार इस महान लोकतांत्रिक देश के सामने कर रहे हैं। मोदी ने अपने लिए इतिहास के जिन पन्नों का निर्माण किया है, उसके रचयिता वो खुद हैं। मोदी के मुजरे को टीवी मीडिया के चंद चापलूस इतिहास से गायब नहीं कर पाएंगे। स्तंभकार वंदिता मिश्रा की टिप्पणी इसी मुद्दे परः