2024 के लोकसभा चुनाव सामने आ चुके हैं, किसी भी समय भारत निर्वाचन आयोग ‘आचार संहिता’ लागू कर सकता है। भारत में जिस तरह चुनाव होते हैं उसमें यह बात समझना कठिन नहीं कि लोकसभा चुनाव अक्सर एक केंद्रीय चेहरे को ध्यान में रखकर लड़ा जाता है। भारतीय जनता पार्टी के लिए यह केन्द्रीय चेहरा पिछले दो लोकसभा चुनावों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जोकि 2024 में भी पार्टी का चुनावी चेहरा होंगे। उनके चेहरे पर जनता ने वोट दिया, उन्हे पसंद किया। जबकि आधे से अधिक भारतीय वोटर उनसे सहमत नहीं हैं लेकिन फिर भी मोदी लगातार दो बार भारत के प्रधानमंत्री बने रहे।
अनदेखी की रणनीति’ के बलबूते मोदी सत्ता में टिके हुए हैं
- विमर्श
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- 29 Mar, 2025

भारत के आधे मतदाता भाजपा, उसकी नीतियों और प्रधानमंत्री के फैसले सहमत नहीं हैं। इसके बावजूद भाजपा अपने आजमाए हुए चेहरे के दम पर आम चुनाव 2024 का सामना करने को फिर तैयार है। पिछले दस वर्षों में देश की जनता को उसकी समस्याओं के प्रति सत्ता से सिर्फ अनदेखी मिली है। ऐसे में जनता का रुख इस बार क्या रहेगा, स्तंभकार और वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा ने इसी पर टिप्पणी की हैः