नागरिकता (संशोधन) कानून-2019 (CAA),11 मार्च, सोमवार को लागू कर दिया गया। इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, प्रतिक्रियाएं और डर सामने आने लगे हैं। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को घर में नजरबंद भी कर दिया गया है। सरकार इस बात को लेकर सतर्क है कि कहीं फिर से 2019-20 के जैसा आंदोलन न खड़ा हो जाए, कहीं फिर से कोई ‘शाहीन बाग’ न बनकर तैयार हो जाए। क्योंकि शाहीन बाग के आंदोलन ने जो वैश्विक रूप धारण किया था उससे नरेंद्र मोदी सरकार की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत सी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।