भारत के आधे मतदाता भाजपा, उसकी नीतियों और प्रधानमंत्री के फैसले सहमत नहीं हैं। इसके बावजूद भाजपा अपने आजमाए हुए चेहरे के दम पर आम चुनाव 2024 का सामना करने को फिर तैयार है। पिछले दस वर्षों में देश की जनता को उसकी समस्याओं के प्रति सत्ता से सिर्फ अनदेखी मिली है। ऐसे में जनता का रुख इस बार क्या रहेगा, स्तंभकार और वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा ने इसी पर टिप्पणी की हैः