प्रसिद्ध फ्रांसीसी दार्शनिक और गणितज्ञ, रेने डेकार्ट ने अपनी आत्मकथा ‘डिस्कोर्स ऑन द मेथड’ में लिखा है ‘सिर्फ अच्छा दिमाग होना पर्याप्त नहीं। मुख्य बात है उसका अच्छा इस्तेमाल किया जाना।’ डेकार्ट की यह बात संस्थाओं पर भी लागू होती है। सिर्फ़ अच्छी संस्थाएँ होना बड़ी बात नहीं है, बड़ी बात है संस्थाओं का बेहतर उपयोग किया जाना।