उत्तर प्रदेश, 2022 के विधानसभा चुनावों से गुज़र रहा है। वर्तमान योगी आदित्यनाथ सरकार ‘कानून और व्यवस्था’ के चाक-चौबंदी के दावे के साथ दोबारा सत्ता में आना चाहती है। इससे पहले कि उनका दावा एक ‘सरकार’ का रूप धारण कर ले उसकी पड़ताल करना बेहद ज़रूरी है।
क्या उत्तर प्रदेश में वाक़ई ‘कानून का राज’ है?
- विमर्श
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- 20 Feb, 2022

ग्रीक दार्शनिक अरस्तू ने कहा था कि “एक व्यक्ति का शासन होने से अच्छा है कि कानून का शासन हो, क्योंकि ऐसा होने से कानून के संरक्षक को भी कानून का पालन करना पड़ता है”।
नई दिल्ली, स्थित एक प्रतिष्ठित संगठन ‘भारतीय पुलिस फाउंडेशन’ (IPF) द्वारा नवंबर, 2021 में एक सर्वे जारी किया गया। यह सर्वे अपनी तरह का पहला सर्वे है जिसने ‘स्मार्ट पुलिसिंग सूचकांक’ की शुरुआत की है। अपने इस पहले सूचकांक में फाउंडेशन ने 29 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया है।