भारत के संविधान का अनुच्छेद 69 भारत के होने वाले उपराष्ट्रपति से एक शपथ की आशा करता है। इसके अनुसार देश के उपराष्ट्रपति को शपथ लेनी होती है जिसमें वह राष्ट्रपति के सामने कहता है कि “मैं…..संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा तथा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाला हूं उसके कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूंगा”। शपथ का एक हिस्सा संविधान के प्रति (न कि किसी दल, व्यक्ति या संगठन के प्रति) ‘श्रद्धा और निष्ठा’ का आश्वासन चाहता है तो दूसरा हिस्सा ‘कर्तव्यों के श्रद्धापूर्वक निर्वहन’ का। लेकिन भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जिस तरह की टिप्पणी कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी पर की है वह उपराष्ट्रपति के पद की गरिमा के खिलाफ है।