किसान आंदोलन शुरू हुए अभी 4 दिन ही हुए थे कि पंजाब के एक किसान ज्ञान सिंह की मृत्यु हो गई है। वह 78 वर्ष के थे। किसान संगठनों के ‘दिल्ली चलो’ के साथ ज्ञान सिंह पंजाब से शंभू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) आए थे। 78 साल का किसान अपने घर का सुकून और चैन त्यागकर आखिर क्यों दिल्ली आना चाहता था? ऐसी कौन सी ज़रूरत आ गई थी जिसे वह अपनी सरकार से मांग रहा था? भारत की औसत आयु के हिसाब से उनके पास अब जीवन को देखने और यहाँ की सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए बहुत वर्ष बचे भी नहीं थे। इसका मतलब उस किसान के आंदोलन में आने का कारण निश्चित रूप से उसकी मजबूरी में निहित था। वह यह बात जानता होगा कि अगर सरकार से किसानों ने अपना हक नहीं लिया तो आने वाली पीढ़ियाँ किसी उद्योगपति के दफ्तर में नौकर बन कर मजदूरी कर रही होंगी और उसके जमीन का मालिकाना हक कहीं और खिसक जाएगा।