यह बात लगभग तय हो चुकी है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 नवंबर से शुरू होने वाले ‘जलवायु परिवर्तन के लिए संयुक्त राष्ट्र कन्वेन्शन’(UNFCCC) की COP-28 कॉन्फरेंस में हिस्सा लेने के लिए दुबई जाएंगे। जब भारत के प्रधानमंत्री दुबई में भारत की जलवायु कार्यवाही व राष्ट्रीय रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे तब दुनिया भर की नजरें उन पर जरूर टिकेंगी। वर्ष 2015 में हुए COP-21 के दौरान पेरिस समझौता हुआ था। यह जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय समझौता था। इस समझौते का केन्द्रीय बिन्दु पृथ्वी के तापमान अर्थात ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने से संबंधित था।