जलवायु परिवर्तन पर लंबी चौड़ी बातें करने के लिए पीएम मोदी 30 नवंबर को दुबई में होगे। लेकिन प्रधानमंत्री वहां क्या बोलेंगे। जिस प्रधानमंत्री के देश में लोग पटाखे छोड़कर खुद वायु प्रदूषण को दावत देते हों और उस पर उन्हीं की पार्टी राजनीति करती हो। वायु प्रदूषण ने भारत में लोगों के जीवन को औसतन चार वर्ष कम कर दिया है। दरअसल लफ्फाजी करने और उसी में जीने वालों के लिए जलवायु परिवर्तन का कुछ भी महत्व नहीं है। जलवायु परिवर्तन से अगर वोट मिलते होते तो अलग बात थी। पढ़िए, सत्य हिन्दी की स्तंभकार वंदिता मिश्रा का अत्यंत गंभीर लेखः