शिक्षा के माध्यम से दलितों के उत्थान के लिए 2015 में भीम आर्मी और 2020 में आजाद समाज पार्टी बनाने वाले चंद्रशेखर आजाद को बुधवार 28 जून को कुछ बदमाशों ने जान से मारने की कोशिश की। दिल्ली से अपने घर लौट रहे आजाद की कार पर देवबन्द, यूपी के पास कई गोलियां चलाई गईं जिसमें से एक गोली आजाद को छूकर निकल गई। इसके बाद उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालाँकि अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं लेकिन यह भी सच है कि यदि गोली 2 इंच दूर लगी होती तो आजाद को बहुत नुकसान हो सकता था।
चंद्रशेखर आजाद पर हमलाः दलित राजनीति को खत्म करने की कोशिश?
- विमर्श
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- 29 Mar, 2025

उभरते हुए दलित नेता चंद्रशेखर आजाद पर हमले का मकसद अभी साफ नहीं है, यह बात यूपी के डीजीपी (कानून व्यवस्था) ने कही है। लेकिन चंद्रशेखर एक उभरते हुए दलित नेता हैं। इसलिए तमाम आशंकाएं भी हैं। अपने साप्ताहिक कालम में पत्रकार वंदिता मिश्रा का सीधा सवाल है कि कहीं ये दलित राजनीति को खत्म करने की कोशिश तो नहीं है।