यदि आपके घर में भी बच्चे आईपैड या मोबाइल पर गेम खेलते हैं तो सचेत हो जाइए! मोबाइल पर ही गेम खेलते-खेलते बच्चों ने लाखों रुपये गँवा दिए हैं।
ऐसा ही एक ताज़ा मामला अमेरिका में आया है। एक बच्चा मोबाइल पर गेम खेलता रहा और उसकी माँ के क्रेडिट कार्ड से क़रीब 11 लाख रुपये कट गए। अब उस मामले से जुड़ी कंपनी ने उसे रुपये वापस लौटाने से इनकार कर दिया है।
दरअसल, इसका शिकार हुईं अमेरिका की रहने वाली एप्पल आईपैड यूज़र जेसिका जॉन्सन। 'न्यूयॉर्क पोस्ट' नाम की एक वेबसाइट ने इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। जेसिका के खाते से क़रीब 16,000 डॉलर यानी 11 लाख रुपये कट गए। बिना उनकी जानकारी के यह सब हुआ। ये ट्रांजेक्शन जेसिका ने नहीं किए थे।
जेसिका के क्रेडिट कार्ड से पिछले कुछ महीने में इतने डॉलर कटे। रिपोर्ट के मुताबिक़, ये ट्रांजेक्शन जुलाई से लेकर अब तक किए गए हैं। ये ट्रांजेक्शन 1.99 डॉलर से लेकर 99.99 डॉलर के बीच हुए। ऐसे कुल 25 ट्रांजेक्शन हुए। जेसिका को लगा कि उनके साथ या तो कोई धोखाधड़ी हुई है या फिर ग़लती से इतनी राशि कट गई। उन्होंने बैंक से संपर्क किया तो पता चला कि ये सभी ट्रांजेक्शन कोई फ़्रॉड नहीं है, बल्कि उनके आईपैड से ही हुए हैं। इसके बाद उन्होंने एप्पल कंपनी से इस बारे में संपर्क किया। इसके बाद जो उन्होंने सुना उससे वह सन्न रह गईं।
जेसिका को पता चला कि उनका 6 साल का बच्चा जॉर्ज उनके आईपैड का इस्तेमाल कर रहा था। उसके गेम खेलने के दौरान बच्चे ने इन-गेम परचेज में ये डॉलर गँवाए थे। बच्चे ने गेम खेलने के दौरान add-on boosters का इस्तेमाल किया था और इसके बदले जेसिका के खाते से डॉलर कटते गए।
‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक़ एप्पल ने यह कहकर इन काटी गई राशि को नहीं लौटाया कि ये सभी ट्रांजेक्शन के हुए 60 दिन से ज़्यादा हो गए थे।
उन्हें यह भी बताया गया कि एप्पल ने पैरेंटल कंट्रोल यानी ऐसे भुगतान नहीं होने देने की सुविधा दी है। जेसिका ने माना कि उन्हें इस फ़ीचर के बारे में जानकारी नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि ये गेम बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा ख़र्च करने को उकसाते हैं।
तो सवाल है कि जेसिका को उन ट्रांजेक्शन के बारे में तत्काल पता क्यों नहीं चला? दरअसल, एप्पल के आईपैड से यूज़र के डेबिट या क्रेडिट कार्ड जुड़े होते हैं। जब एप्पल स्टोर से किसी ऐप को इंस्टॉल करना होता है तो इसके बदले एप्पल राशि वसूलता है। चूँकि बैंक खाते जुड़े होते हैं तो यूज़र को पता भी नहीं चलता है और बैंक से राशि कट जाती है। एप्पल स्टोर एंड्राइड मोबाइल के गूगल प्ले स्टोर की तरह है, लेकिन एंड्राइड फ़ोन से डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जुड़ा होना ज़रूरी नहीं है। इसीलिए जब एंड्राइड फ़ोन पर गूगल प्ले स्टोर से किसी ऐप को रुपये से ख़रीदना हो तो वह भुगतान के बारे में पूछता है।
हालाँकि एप्पल ने पैरेंटल कंट्रोल की सुविधा दी है, लेकिन अक्सर लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता है और इस कारण कई लोगों के बैंक खाते से राशि कट जाती है।
एप्पल इन-ऐप पर्चेज के लिए कई तरह के पैरेंटल ऑप्शन देता है। यूजर अपने आईफ़ोन या आईपैड में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें इन-ऐप्प परचेज और ऐप्प के इस्तेमाल को रोकने का भी विकल्प मिलता है। यही फ़ीचर MacOS के लिए भी दिए गए हैं।
ऐसा ही एक मामला ब्रिटेन में भी चर्चित रहा था। 'द गार्जियन' में इसी साल मार्च में एक रिपोर्ट छपी थी। इस रिपोर्ट के अनुसार ऐसे मामले का शिकार हुए एक शख़्स जेडी ब्राइटन ने कहा था कि उनके नौ और आठ साल के बच्चों ने ऑनलाइन गेम के लिए 602 पाउंड यानी 48 हज़ार रुपये गँवा दिए थे। तब उन्होंने कहा था कि मुझे नहीं पता था कि मेरे बच्चों के आईपैड पर मेरा बैंक कार्ड उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने एप्पल से संपर्क किया तो उन्होंने राशि लौटाने से इनकार कर दिया।
ऑनलाइन गेमिंग ख़ासकर युवा यूज़र को निशाना बनाते हैं और उन्हें नशे की लत के आकर्षण की तरह फुसलाते हैं। अमेरिका में ऐसे मामले ख़ूब आए थे।
2014 में तो अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग ने बच्चों द्वारा किए गए अनाधिकृत ऐप्प ख़रीद को गंभीरता से लिया था। इसने एप्पल को 32.3 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया था। बता दें कि कुछ बच्चों ने कई हज़ार डॉलर का भुगतान कर दिया था, जिनमें से कई इससे अनजान थे कि वे असली डॉलर ख़र्च कर रहे थे। उनके माता-पिता भी अनजान थे कि एक क्लिक पर उनके बैंक कार्ड से राशि निकाली जा सकती है।
अपनी राय बतायें