ज़ोर से कहिए, मिल कर कहिए, प्रेम से कहिए किशन कन्हैया की जय।
रसखान से पाक के राष्ट्र गान लेखक हफ़ीज़ जालंधरी तक सब श्रीकृष्ण के मुरीद रहे
- विविध
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- 12 Aug, 2020

कौन हैं श्रीकृष्ण? वह विराट और व्यापक हैं। हर तरह की सरहदों के पार हैं। हर इलाक़े और ज़ुबान में हैं। फ़नकारों और कलमकारों के फ़िक्रो तसव्वुर में हैं।
यह जयकारा जन्माष्टमी का है, श्रीकृष्ण की पैदाइश का है। और क्यों ना हो? उनका किरदार तो गागर में सागर है जी। हर लिहाज़ से वह मुकम्मल हैं, दूर तलक फैला नूर का आसमान हैं, ज्ञान का भंडार हैं, ख़ुद में पूरा ब्रह्मांड हैं। वह जितने रूहानी हैं उतने ही रूमानी भी। उनमें वह सब कुछ है जो इंसान में है और वह भी है जो इंसान में नहीं। वह ज़िंदगी का पाठ पढ़ाते हैं, जीने का सलीक़ा और तरीक़ा सिखाते हैं। बताते हैं कि छल-कपट से भरी दुनिया में हमारा बर्ताव कैसा होना चाहिए।