कभी गंगा साफ़ हो पाएगी भी या नहीं? हर बार जिस तरह इसकी सफ़ाई करने की समय-सीमा बढ़ाई जा रही है, ऐसे में यह सवाल लाज़मी है। गंगा की सफ़ाई की समय-सीमा को एक बार फिर से संशोधित किया गया है। अब यह मियाद 2021 तक बढ़ा दी गई है। यह तीसरी बार है जब समय-सीमा बदली गई है। तीनों बार अलग-अलग मंत्रियों ने इसकी घोषणा की। अब जल शक्ति मंत्रालय के नए मंत्री गजेंद्र शेखावत ने पिछले हफ़्ते ही कहा है कि गंगा को दो साल यानी 2021 तक साफ़ कर दिया जाएगा। पहली बार जब नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2014 के बजट भाषण में 'नमामि गंगे मिशन' की घोषणा की गई थी, तो यह दावा किया गया था कि 2019 तक गंगा को साफ़ कर दिया जाएगा। हालाँकि, बाद में जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ़ किया कि 2019 तक नदी की 80 प्रतिशत सफ़ाई हो जाएगी, लेकिन पूरी प्रक्रिया 2020 तक पूरी हो जाएगी। 2019 तक 80 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया या नहीं, यह बहस का विषय है। यह सवाल इसलिए भी है क्योंकि गंगा की सफ़ाई के लिए गठित स्वच्छ गंगा निधि में जितना पैसा जुटाया गया उसका 18 फ़ीसदी हिस्सा ही ख़र्च किया गया है और जब तब ऐसी रिपोर्टें भी आती रही हैं कि गंगा की स्थिति नहीं सुधरी है।
क्या ऐसे कभी साफ़ हो पाएगी गंगा?
- विविध
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- 11 Jun, 2019
कभी गंगा साफ़ हो पाएगी भी या नहीं? हर बार जिस तरह इसकी सफ़ाई करने की समय-सीमा बढ़ाई जा रही है, ऐसे में यह सवाल लाज़िमी है। गंगा की सफ़ाई की समय-सीमा को एक बार फिर से संशोधित किया गया है।
