गंगा के प्रदूषित होने और इसके पानी में एंटीबायोटिक के होने के ख़तरे को लेकर स्थानीय वैज्ञानिक और शोधकर्ता लगातार चेताते रहे हैं, लेकिन हाल ही में आई एक अंतरराष्ट्रीय शोध की रिपोर्ट से सबक़ लेने की ज़रूरत है। सीधे-सीधे कहें तो नदियों के पानी में घुले ये एंटीबायोटिक्स जानलेवा साबित हो रहे हैं।
गंगा में एंटीबायोटिक्स का बढ़ता स्तर
- विविध
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- 1 Jun, 2019

गंगा के प्रदूषित होने और इसके पानी में एंटीबायोटिक के होने के ख़तरे को लेकर स्थानीय वैज्ञानिक और शोधकर्ता चेताते रहे हैं, लेकिन हाल ही में आई एक अंतरराष्ट्रीय शोध की रिपोर्ट से सबक़ लेने की ज़रूरत है।
दरअसल, इंग्लैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ़ यॉर्क के वैज्ञानिकों के एक दल ने दुनिया के 72 देशों की 91 नदियों से 711 जगहों से पाने के नमूने लेकर उसमें सबसे अधिक इस्तेमाल किये जाने वाले 14 एंटीबायोटिक्स की जाँच की। नतीजे चौंकाने वाले थे, लगभग 65 प्रतिशत नमूनों में एक या अनेक एंटीबायोटिक्स मिले। इन नमूनों में से अधिकतर नमूने एशिया और अफ्रीका के देशों के थे। हालाँकि, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के देशों की नदियों में भी अपेक्षाकृत कम मात्रा में एंटीबायोटिक्स मिले।