जनता की नाराज़गी को भांपने के बाद हाल ही में उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदलने वाली बीजेपी को शायद इससे राहत नहीं मिली है। वरना, हरिद्वार जिले के एक बीजेपी विधायक पर जैसे आरोप उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने लगाए हैं और उनका घेराव किया है, ऐसा देखने को नहीं मिलता।
हरिद्वार जिले की आरक्षित सीट झबरेड़ा से विधायक देशराज कर्णवाल अपने इलाक़े के दौरे पर थे। जब वे भगतोवाली गांव में पहुंचे तो कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया और कहा कि उन्होंने गांव में कोई काम नहीं कराया है।
‘गैलरी में लट्ठ रखा है’
एक ग्रामीण ने कहा, “विधायक जी, आपके पद का सम्मान है, जिस दिन आप विधायक पद से हट जाओगे और दोबारा वोट मांगने आओगे तो गैलरी में लट्ठ रखा है, इस बात को ध्यान में रखना।” ग्रामीण ने कहा कि सिर्फ़ आपके पद की गरिमा है, वरना आप कुछ नहीं हैं और आप छिदने लायक आदमी हो। ग्रामीण ने कहा कि विधायक एक अपराधी, बलात्कारी के साथ बैठकर अपने किए कामों का वीडियो डाल रहे हैं।
इस दौरान वहां मौजूद कई अन्य ग्रामीणों ने भी कहा कि विधायक ने उनके गांव में कोई काम नहीं कराया है और कुछ किया है तो विधायक कोई एक काम गिनवा दें। बुरी तरह घिरने के बाद विधायक ने कहा कि जो काम उन्होंने कराए हैं, वो लोगों ने नहीं देखे। ग्रामीण कहते हैं कि वे लंबे वक़्त से एक छोटा नाला बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन ये मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है।
दूसरी ओर, विधायक कर्णवाल ने कहा है कि यह पूरी घटना पूर्व नियोजित थी। विधायक के मुताबिक़, उनके विरोधी गुट ने राजनीतिक फ़ायदे के लिए कुछ लोगों को इकट्ठा किया और उनके साथ बदतमीजी की। उन्होंने कहा कि वे कोरोना महामारी की परवाह किए बगैर गांव-गांव में जा रहे हैं।
विरोध करने वाले बीजेपी के ही नेता बताए जा रहे हैं। विधायक ने कहा है कि यह उनकी पार्टी के बीच का मामला है, इसलिए वे कुछ ज़्यादा नहीं बोल रहे हैं और हमें इस वक़्त कोरोना महामारी से लड़ने की ज़रूरत है।
मार्च में हटाया था त्रिवेंद्र को
बीजेपी आलाकमान ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए मार्च के दूसरे हफ़्ते में त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था और उनकी जगह पौड़ी गढ़वाल सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था। तीरथ के नाम के एलान से लोगों को काफी हैरानी हुई थी क्योंकि मुख्यमंत्री पद के लिए जो चार नाम चल रहे थे, उनमें तीरथ का नाम नहीं था। मुख्यमंत्री बनने के बाद से तीरथ अपने बयानों के लिए खासे चर्चित रहे हैं।
जल्द होने हैं विधानसभा चुनाव
उत्तराखंड में 8 महीने बाद ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। नेतृत्व परिवर्तन के बाद से ही बीजेपी विरोधी राजनीतिक दलों के निशाने पर है, ऐसे में जिस तरह विधायक का घेराव कर ग्रामीणों ने उन्हें खरी-खोटी सुनाई है, उसे पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं कहा जा सकता।
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