उत्तराखंड का मुख्यमंत्री कौन हो, इसको लेकर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व बीते 10 दिनों में बीजेपी के बड़े नेताओं से रायशुमारी कर चुका है। आज इस बारे में फैसला होना है।
पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा चुनाव हारने के बाद से ही धामी के अलावा सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, अनिल बलूनी, अजय भट्ट और रमेश पोखरियाल निशंक के नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में रहे हैं।
किशोर उपाध्याय के बीजेपी में जाने की चर्चाओं को देखते हुए ही कांग्रेस ने कुछ दिन पहले उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। बीजेपी उपाध्याय को टिहरी से चुनाव लड़ा सकती है।
बग़ावत की खबरों के बाद बीजेपी नेतृत्व सक्रिय हो गया है। उत्तराखंड में पार्टी के बड़े नेताओं को टिकट न मिलने से नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हरक सिंह रावत उत्तराखंड की सियासत के बड़े चेहरे हैं। चुनाव से ठीक पहले हरक सिंह के बीजेपी से जाने के कारण पार्टी को गढ़वाल के इलाक़े में कुछ सीटों पर नुकसान होने की पूरी आशंका है।
नए पीआरओ नियुक्त किए जाने का आदेश 6 अगस्त को निकाला गया है। इनमें से तीन को मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त किया गया है। ये तीनों ही संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं जबकि जो बाक़ी तीन पीआरओ हैं, वे बीजेपी से जुड़े हुए हैं।
पिछले कुछ महीने बीजेपी के लिये अच्छे नहीं गुजरे । किसान आंदोलन, कोरोना, क्षत्रपों की हिमाक़त और अब उत्तराखंड में बवाल । तो क्या बीजेपी बदलेगी सीएम ? आशुतोष के साथ चर्चा में में शरद गुप्ता, विजय त्रिवेदी, आलोक जोशी, पवन उप्रेती और सतीश के सिंह ।
हरिद्वार जिले की आरक्षित सीट झबरेड़ा से विधायक देशराज कर्णवाल अपने इलाक़े के दौरे पर थे। जब वे भगतोवाली गांव में पहुंचे तो कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया और कहा कि उन्होंने गांव में कोई काम नहीं कराया है।
चुनाव से एक साल पहले त्रिवेंद्र रावत को सीएम पद से हटाने से क्या मिलेगा? खट्टर सरकार के ख़िलाफ़ कल अविश्वास प्रस्ताव, क्या करेंगे जेजेपी विधायक? पाँच राज्यों में किसकी बनने जा रही सरकार? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi