महानगरों की पॉश कॉलोनियों में रहने वाले लोग इस बात का दम भरते हैं कि जातिवाद ख़त्म हो गया है लेकिन इस व्यवस्था की घिनौती सूरत कभी शहरों तो कभी गांवों से सामने आती रहती है। उत्तराखंड से फिर एक बार ऐसी ख़बर सामने आई है, जिसने साबित किया है कि जातिवाद न सिर्फ़ मौजूद है बल्कि इसकी जड़ें भी काफ़ी गहरी हैं।
जातिवाद का ज़हर, स्कूल में दलित भोजन माता के हाथ से बना खाना खाने से इनकार
- उत्तराखंड
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- 23 Dec, 2021
उत्तराखंड के चंपावत जिले के सूखीढांग गांव के सरकारी स्कूल में एक दलित महिला सुनीता देवी के हाथ का बना खाना खाने से सवर्ण समुदाय के बच्चों ने इनकार कर दिया।

उत्तराखंड के चंपावत जिले के सूखीढांग गांव के सरकारी स्कूल में एक दलित महिला सुनीता देवी को भोजन माता के रूप में सरकार ने नियुक्त किया।
भोजन माता स्कूल में आने वाले बच्चों के लिए भोजन बनाने का काम करती हैं। सुनीता को इस पद पर सिर्फ़ 3 हज़ार रुपये में नियुक्त किया गया था।