दलित भोजन माता सुनीता देवी के हाथ का बना खाना खाने से सवर्ण समुदाय के बच्चों के द्वारा इनकार करने की घटना समाज में फैले जातिवाद के दंश को उजागर करती है।
सरकार ने दलित भोजन माता को फिर से इस पद पर नियुक्त करने का फैसला किया है। यह सारा विवाद बेहद चर्चा में रहा था क्योंकि सामान्य वर्ग के छात्रों ने दलित भोजन माता के हाथ से बना खाना खाने से इंकार कर दिया था।
स्कूल के दलित छात्र/छात्राओं ने भी सामान्य वर्ग की भोजन माता के हाथों से खाना खाने से इनकार कर दिया है। इस मामले में उत्तराखंड के दलित संगठन भी मुखर होकर सामने आए हैं।
उत्तराखंड के चंपावत जिले के सूखीढांग गांव के सरकारी स्कूल में एक दलित महिला सुनीता देवी के हाथ का बना खाना खाने से सवर्ण समुदाय के बच्चों ने इनकार कर दिया।