सामाजिक न्याय का चक्का कैसे धीरे-धीरे घूमता हुआ अपना काम कर रहा है, इसे बीते हफ़्ते उत्तराखंड के चंपावत ज़िले की एक घटना से समझा जा सकता है। यहां के सूखीढांग इंटर स्कूल में एक दलित महिला को नौकरी से निकाल दिया गया जो मिड डे मील तैयार करती थी। कुछ ही दिन पहले उसकी नियुक्ति हुई थी। लेकिन स्कूल के क़रीब 40 सवर्ण छात्रों ने उसके हाथ का बना खाना खाने से इनकार कर दिया था।