उत्तराखंड के चंपावत जिले के सूखीढांग गांव के एक सरकारी स्कूल में दलित भोजन माता के हाथ से खाना न खाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। स्कूल के प्रधानाचार्य ने एक पत्र लिखकर बताया है कि स्कूल के दलित छात्र/छात्राओं ने भी सामान्य वर्ग की भोजन माता के हाथों से खाना खाने से इनकार कर दिया है। इस मामले में उत्तराखंड के दलित संगठन भी मुखर होकर सामने आए हैं।
दलित बच्चों ने कहा- सामान्य वर्ग की भोजन माता के हाथ का खाना नहीं खाएंगे
- उत्तराखंड
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- 26 Dec, 2021
स्कूल के दलित छात्र/छात्राओं ने भी सामान्य वर्ग की भोजन माता के हाथों से खाना खाने से इनकार कर दिया है। इस मामले में उत्तराखंड के दलित संगठन भी मुखर होकर सामने आए हैं।

प्रधानाचार्य के दस्तख़त से जारी इस पत्र में दलित छात्र/छात्राओं ने कहा है कि यदि दलित भोजन माता के पकाए भोजन से सामान्य वर्ग के छात्रों को नफ़रत है तो वे भी सामान्य वर्ग की भोजन माता के हाथों से बना खाना नहीं खाएंगे और अपना खाना घर से लेकर आएंगे।
इस मामले में स्थानीय पुलिस ने जांच शुरू की है और शिक्षकों और बच्चों से पूछताछ की है।